गूगल पासकी क्या है? और कैसे करता है यह काम | क्या पासवर्ड से ज्यादा सेफ है पासकी

गूगल पासकी क्या है? और कैसे करता है यह काम | क्या पासवर्ड से ज्यादा सेफ है पासकी

आजकल लोगों के पास इतनें आनलाइन अकाउंट हो गए हैं कि सभी का पासवर्ड याद रखना बेहद मुश्किल है। अब गूगल इसका समाधान लेकर आया है। गूगल ने अपनी सभी सर्विस में लागइन के लिए पासवर्ड की जगह अब ‘पासकी’ को डिफाल्ट साइन-इन का विकल्प बना दिया है, जो ज्यादा सुविधाजनक और सुरक्षित तरीका माना जा रहा है।

गूगल ने अपने सभी प्लेटफार्म पर अकाउंट आथेंटिकेशन के लिए पासकी को अब डिफाल्ट साइन-इन का विकल्प बना दिया है। इसका मतलब है कि जब एक बार किसी डिवाइस से लिंक की गई पासकी सेट कर लेते हैं, तो फिर बिना पासवर्ड या फिर 2- फैक्टर आथेंटिकेशन के बिना भी अकाउंट में लागइन कर पाएंगे।

जानें क्या है गूगल पासकी और कैसे करता है यह काम …

पासकी क्या है:

पासकी पारंपरिक पासवर्ड का एक आसान और सुरक्षित विकल्प है। गूगल ने पहली बार मई 2022 में पासकी पेश किया था। मई 2023. में गूगल ने सभी गूगल अकाउंट के लिए पासकी सपोर्ट का विस्तार किया था। अब इसे साइन-इन का डिफाल्ट आप्शन बना दिया गया है। बता दें कि यूजर डायरेक्ट पासकी को नहीं देख पाएंगे। अगर जीमेल में लागइन करनी है, तो पासवर्ड दर्ज करने की जरूरत नहीं है।

जीमेल डायरेक्ट आपके डिवाइस, जैसे कि ई मोबाइल फोन या कंप्यूटर से कम्युनिकेट करके पासकी जनरेट करेगा। आपको बस केवल एक पिन अनलाक कोड, बायोमेट्रिक्स जैसे फिंगरप्रिंट या फेस स्कैन का उपयोग कर डिवाइस पर अपनी पहचान साबित करनी होगी। गूगल ने अपने पासकी को अलग-अलग तरह के डिवाइस के साथ काम करने के लिए डिजाइन किया है, ताकि आप इसे आइफोन, मैक, विंडोज, एंड्रायड पर उपयोग कर सकें।

पासवर्ड से ज्यादा सेफ है पासकी:

इसमें पासवर्ड के बजाय फिंगरप्रिंट, फेस स्कैन, डिवाइस स्क्रीन लाक, पिन के साथ अपने गूगल अकाउंट में साइन-इन कर सकते हैं। इसके अलावा, गूगल अकाउंट को फिशिंग जैसे खतरों से बचाने में पासकीज को पासवर्ड की तुलना में अधिक प्रभावी माना जाता है। गूगल कुछ समय के लिए पासवर्ड का सपोर्ट जारी रखेगा और यूजर्स को ‘skip password when possible का विकल्प देगा।

कैसे काम करता है पासकी

गूगल पासकीज वेबआथन (WebAuthn) नामक क्रिप्टोग्राफिक प्रोटोकाल का उपयोग करता है। डिवाइस की बिल्ट-इन सिक्योरिटी फीचर्स, जैसे- बायोमेट्रिक्स और पिन का उपयोग करके यूजर्स को आथेंटिकेट करने में सक्षम बनाता है। पासकी से किसी वेबसाइट या एप में साइन-इन करने के लिए पहले अपने डिवाइस पर एक पासकी बनाना होता है। इसके बाद इसे सपोर्ट करने वाली किसी वेबसाइट या एप में साइन-इन करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। पासकी दो स्टेप-पब्लिक की और प्राइवेट की के साथ आती है। पब्लिक की वेबसाइट पर स्टोर होती है, वहीं प्राइंवेंट की यूजर के डिवाइस पर ।

ऐसे बनाएं पासकी

myaccount.google.com पर जाएं।

इसके बाद सिक्योरिटी पर क्लिक करें।

  • नीचे की तरफ स्क्रॉल करें और पासकी पर क्लिक करें।
  • फिर क्रिएट ए पासकी पर क्लिक करें और फिर कंटीन्यू पर ।
  • फिर आन-स्क्रीन निर्देशों का पालन करें।
  • अब डिवाइस को अनलाक करें।
  • एक बार जब आप पासकी बना लेते हैं, तो इसका उपयोग किसी भी गूगल वेबसाइट या एप में साइन इन के लिए कर सकते हैं, जो पासकी का सपोर्ट करते हैं। प्रत्येक डिवाइस के लिए एक पासकी बनानी होगी। अगर पासकी पहले से ही मौजूद है, तो सिस्टम आपको बता देगा ।

https://csaccept.com/

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