परिचय
आज के डिजिटल युग में यूपीआई (UPI) पेमेंट सिस्टम तेजी से लोकप्रिय हो चुका है। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का यह माध्यम सुविधाजनक और तेज़ है, लेकिन इसके साथ साइबर धोखाधड़ी के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। स्कैमर्स नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में, यूपीआई फ्रॉड से बचने के लिए सतर्कता और जागरूकता बेहद जरूरी है।
यूपीआई स्कैम के प्रकार और उनसे बचाव के तरीके
1. फर्जी कॉल और बैंक प्रतिनिधि बनकर धोखाधड़ी
स्कैमर्स खुद को बैंक प्रतिनिधि बताकर कॉल करते हैं और आपके बैंक खाते से जुड़ी संवेदनशील जानकारी मांगते हैं। वे आपको किसी समस्या के बारे में डराने की कोशिश करते हैं, जैसे कि आपका अकाउंट ब्लॉक हो सकता है या कोई अनधिकृत लेन-देन हो गया है।
कैसे बचें?
- बैंक या वित्तीय संस्थाएं कभी भी फोन पर आपकी व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगतीं।
- किसी भी अनजान कॉलर को ओटीपी, यूपीआई पिन या बैंक डिटेल्स न दें।
- यदि कोई संदेहास्पद कॉल आए, तो तुरंत संबंधित बैंक या साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत करें।
2. फर्जी रिश्तेदारों द्वारा ठगी
कुछ साइबर अपराधी रिश्तेदार बनकर कॉल करते हैं और किसी आपात स्थिति में फंसे होने का बहाना बनाकर पैसे मांगते हैं। वे कहते हैं कि उनका फोन खराब हो गया है, इसलिए वे किसी अन्य नंबर से कॉल कर रहे हैं।
कैसे बचें?
- पैसे ट्रांसफर करने से पहले संबंधित रिश्तेदार से उनके असली नंबर पर संपर्क करें।
- अगर कोई इमरजेंसी का दावा करता है, तो पहले स्थिति की पुष्टि करें।
- बिना जांचे-परखे किसी भी अकाउंट में पैसे न भेजें।
3. पैसे डबल करने का झांसा
कई स्कैमर्स यह वादा करते हैं कि यदि आप उन्हें एक निश्चित राशि भेजेंगे, तो वे उसे दोगुना करके वापस देंगे। यह पूरी तरह से धोखाधड़ी होती है।
कैसे बचें?
- अगर कोई असामान्य रूप से अधिक रिटर्न का वादा कर रहा है, तो यह एक घोटाला हो सकता है।
- केवल विश्वसनीय निवेश प्लेटफॉर्म का ही उपयोग करें।
- संदिग्ध स्कीमों से बचने के लिए हमेशा गूगल पर रिसर्च करें और दूसरों से सलाह लें।
4. नकली लिंक और वेबसाइट के माध्यम से ठगी
स्कैमर्स नकली वेबसाइट और फर्जी यूपीआई ऐप्स के लिंक भेजते हैं। जब लोग इन लिंक को खोलते हैं, तो वे अपनी निजी जानकारी साझा कर देते हैं, जिससे उनका अकाउंट खतरे में पड़ सकता है।
कैसे बचें?
- किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले उसे ध्यान से जांचें।
- हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट या गूगल प्ले स्टोर/ऐपल ऐप स्टोर से ही ऐप डाउनलोड करें।
- अगर कोई संदिग्ध लिंक मिले, तो तुरंत उसे रिपोर्ट करें और उसे न खोलें।
5. ओटीपी (OTP) साझा करने से बचें
स्कैमर्स आपके यूपीआई अकाउंट तक पहुंच प्राप्त करने के लिए आपका ओटीपी जानने की कोशिश कर सकते हैं।
कैसे बचें?
- किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ अपना ओटीपी साझा न करें।
- बैंक या यूपीआई सेवा प्रदाता कभी भी ओटीपी नहीं मांगते।
- यदि गलती से किसी को ओटीपी दे दिया हो, तो तुरंत बैंक से संपर्क करें।
6. अज्ञात क्यूआर कोड स्कैन करने से बचें
कई बार स्कैमर्स आपको नकली क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए कहते हैं, जिससे आपका पैसा उनके अकाउंट में चला जाता है।
कैसे बचें?
- किसी अनजान व्यक्ति के दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन न करें।
- केवल भरोसेमंद दुकानदारों और वेबसाइट्स के क्यूआर कोड का ही उपयोग करें।
- संदेह होने पर पहले पूरी जांच करें।
7. यूपीआई पिन को सुरक्षित रखें
यूपीआई ट्रांजेक्शन के लिए एक सिक्योरिटी पिन की आवश्यकता होती है, जिसे केवल आपको ही पता होना चाहिए।
कैसे बचें?
- यूपीआई पिन किसी के साथ साझा न करें, चाहे वह बैंक का प्रतिनिधि ही क्यों न हो।
- अगर किसी को आपका पिन पता चल गया है, तो तुरंत इसे बदल दें।
- हमेशा अपने यूपीआई ट्रांजेक्शन की हिस्ट्री चेक करते रहें।
यूपीआई सुरक्षा के लिए अतिरिक्त महत्वपूर्ण टिप्स
1. सुरक्षित इंटरनेट कनेक्शन का उपयोग करें
- हमेशा भरोसेमंद और पासवर्ड-प्रोटेक्टेड वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करें।
- सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क पर यूपीआई ट्रांजेक्शन करने से बचें।
2. यूपीआई ऐप्स की सुरक्षा सेटिंग्स अपडेट करें
- मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें।
- बायोमेट्रिक लॉक (फिंगरप्रिंट या फेस आईडी) को इनेबल करें।
- यूपीआई ऐप्स को हमेशा लेटेस्ट वर्जन में अपडेट रखें।
3. यूपीआई ट्रांजेक्शन की नियमित जांच करें
- अपने बैंक स्टेटमेंट और यूपीआई ट्रांजेक्शन हिस्ट्री को नियमित रूप से जांचें।
- किसी भी संदिग्ध ट्रांजेक्शन की रिपोर्ट तुरंत बैंक और साइबर सेल को दें।
4. साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर सेव करें
- साइबर क्राइम की शिकायत के लिए 1930 (राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन) पर कॉल करें।
- www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
निष्कर्ष
डिजिटल भुगतान प्रणाली ने हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ साइबर धोखाधड़ी का खतरा भी बढ़ गया है। यूपीआई स्कैम से बचने के लिए हमें सतर्कता और जागरूकता बनाए रखनी होगी। अनजान कॉल्स, संदिग्ध लिंक, फर्जी ऑफर और अज्ञात व्यक्तियों से मिली जानकारी से हमेशा सतर्क रहें। यदि आपको किसी भी संदिग्ध गतिविधि का सामना करना पड़े, तो तुरंत साइबर क्राइम सेल या संबंधित बैंक को सूचित करें।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!